दक्षिण एशिया की राजनीति और कूटनीति हमेशा से ही वैश्विक शक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति में दुनिया की दो सबसे बड़ी महाशक्तियां — अमेरिका और चीन — किसके साथ खड़ी होंगी, इस सवाल पर अब वैश्विक विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है। फॉरेन पॉलिसी मैग्जीन के लेखक और साउथ एशिया मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगलमन ने इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।
अमेरिका के साथ भारत की नजदीकी बढ़ी
माइकल कुगलमन का कहना है कि आज के समय में भारत, पाकिस्तान की तुलना में अमेरिका का कहीं अधिक करीबी साझेदार बन चुका है। अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक, आर्थिक और रक्षा के क्षेत्र में संबंधों ने पिछले कुछ वर्षों में गहराई पकड़ी है। चाहे वह क्वाड (QUAD) जैसी समूहबद्ध पहल हो या इंडो-पैसिफिक रणनीति, भारत-अमेरिका सहयोग में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी कोई स्थिति बनती है, तो अमेरिका खुलकर भारत का समर्थन कर सकता है। हालांकि, अमेरिका पाकिस्तान को भी पूरी तरह से नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहेगा, खासकर आतंकवाद से लड़ाई और अफगानिस्तान के संदर्भ में उसकी भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए।
चीन के पाकिस्तान के साथ पुराने रिश्ते
दूसरी ओर, चीन और पाकिस्तान के संबंध दशकों से ‘आयरन ब्रदरहुड’ (लोहे जैसी मजबूत दोस्ती) के रूप में जाने जाते हैं। चीन ने आर्थिक, सैन्य और रणनीतिक रूप से पाकिस्तान का लगातार समर्थन किया है। चाहे वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) हो या संयुक्त सैन्य अभ्यास, दोनों देशों के रिश्तों में गहरी निकटता देखी जाती है।
माइकल कुगलमन और अन्य विश्लेषकों का मानना है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता है, तो चीन निश्चित रूप से पाकिस्तान का समर्थन करेगा। हालाँकि, चीन भी इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर युद्ध नहीं चाहता, क्योंकि इससे उसके आर्थिक हितों और वैश्विक छवि को नुकसान पहुँच सकता है।
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वैश्विक शक्तियों का रुख क्या होगा?
ग्लोबल एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी बड़े संघर्ष की स्थिति में:
- अमेरिका: भारत के पक्ष में रहेगा लेकिन पाकिस्तान के साथ भी सीमित बातचीत बनाए रखेगा।
- चीन: पाकिस्तान के समर्थन में रहेगा लेकिन खुले युद्ध में उतरने से बचेगा।
- रूस: पारंपरिक रूप से भारत के करीब रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में पाकिस्तान के साथ भी संबंध बेहतर किए हैं।
यूरोपियन यूनियन और अन्य देश: शांति की अपील करेंगे और दोनों पक्षों को बातचीत के लिए प्रेरित करेंगे।
युद्ध की आशंका कितनी वास्तविक?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध की संभावना बहुत कम है। दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं और किसी भी बड़े संघर्ष से विश्व समुदाय में व्यापक चिंता उत्पन्न होगी। इसके अलावा, दोनों देशों की आंतरिक आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां भी युद्ध से दूर रहने के लिए मजबूर करती हैं।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति में वैश्विक शक्तियों का संतुलन भारत के पक्ष में अधिक झुका हुआ दिखाई देता है। अमेरिका, जापान और कई यूरोपीय देश भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को प्राथमिकता देंगे, जबकि चीन पारंपरिक रूप से पाकिस्तान का समर्थन करेगा। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का प्रमुख प्रयास दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने का ही रहेगा।
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