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प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश: योग गुरु शिवानंद बाबा जी के निधन पर देश में शोक की लहर

प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश

प्रस्तावना

देश के प्रख्यात योग साधक और काशी निवासी, पद्मश्री से सम्मानित शिवानंद बाबा जी के निधन की खबर ने पूरे भारत को शोक में डुबो दिया है। बाबा शिवानंद न केवल अपनी असाधारण आयु और योग साधना के लिए प्रसिद्ध थे, बल्कि उन्होंने योग और भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के तमाम नेताओं, अनुयायियों और आम नागरिकों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शोक संदेश में बाबा शिवानंद के योगदान, उनके व्यक्तित्व और समाज पर पड़े प्रभाव को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

बाबा शिवानंद का जीवन परिचय

दीर्घायु और साधना का अद्भुत उदाहरण बाबा शिवानंद का जन्म उन्नीसवीं सदी के अंतिम वर्षों में हुआ था। वाराणसी के कबीर नगर में रहने वाले बाबा शिवानंद ने अपनी पूरी उम्र योग, साधना और सेवा में समर्पित कर दी। उनके शिष्यों का दावा है कि उनकी आयु 128-129 वर्ष थी, जो अपने आप में एक मिसाल है2357। वे पिछले कई दशकों से वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित अपने आश्रम में योग साधना और सामाजिक सेवा में लगे रहे।

योग और समाज सेवा

बाबा शिवानंद ने योग को केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन का आधार माना। उन्होंने अपने जीवन में सादगी, संयम और सेवा को सर्वोच्च स्थान दिया। उनके द्वारा सिखाए गए  आश्रम में जरूरतमंदों के लिए भोजन, स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्था की।

पद्मश्री सम्मान और राष्ट्रीय पहचान

राष्ट्रपति भवन में ऐतिहासिक क्षण 21 मार्च 2022 को बाबा शिवानंद को राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। यह क्षण तब और भी ऐतिहासिक बन गया जब मंच पर पहुंचे बाबा शिवानंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झुककर प्रणाम किया। प्रधानमंत्री मोदी भी अपनी कुर्सी से उठकर उन्हें आदरपूर्वक प्रणाम करने पहुंचे। यह दृश्य सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और देशभर में बाबा शिवानंद की सादगी और विनम्रता की सराहना हुई

योग के क्षेत्र में योगदान

बाबा शिवानंद को पद्मश्री सम्मान उनके योग के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया था। उन्होंने योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया और हर उम्र के लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनके आश्रम में देश-विदेश से लोग योग सीखने आते थे और उनकी शिक्षाओं से लाभान्वित होते थे।

प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश

भावुक श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा शिवानंद के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “योग  के जरिए समाज की सेवा के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया था। शिवानंद बाबा का शिवलोक प्रयाण हम सब काशीवासियों और उनसे प्रेरणा लेने वाले करोड़ों लोगों के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं इस दुःख की घड़ी में उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा शिवानंद के योग, साधना और सेवा के कार्यों को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार

बाबा शिवानंद का पार्थिव शरीर उनके आश्रम, कबीर नगर, वाराणसी में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहाँ हजारों अनुयायी, योग प्रेमी और स्थानीय नागरिक अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उनका अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया गया, जिसमें उनके शिष्य, परिवारजन और समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे357।

अनुयायियों की भावनाएँ

बाबा शिवानंद के निधन से उनके अनुयायियों में गहरा शोक है। उनके शिष्य बताते हैं कि बाबा का जीवन अनुशासन, सेवा और योग की मिसाल था। वे हमेशा दूसरों की भलाई के लिए तत्पर रहते थे और जीवन के अंतिम क्षण तक योग और सेवा में लगे रहे। उनके निधन को समाज ने एक युग का अंत माना है। बाबा शिवानंद की शिक्षाएँ और विरासत
योग और संयम का संदेश
बाबा शिवानंद ने हमेशा योग को जीवन का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने कहा, “योग केवल शरीर का व्यायाम नहीं, बल्कि आत्मा की साधना है।” उनकी दिनचर्या, आहार-विहार, और साधना आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

समाज सेवा और मानवता

बाबा शिवानंद ने अपने जीवन में मानवता की सेवा को सर्वोच्च स्थान दिया। उन्होंने गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों के लिए अपने आश्रम में हमेशा सहायता की व्यवस्था की। उनका मानना था कि सच्चा योगी वही है, जो समाज के लिए जीता है।

लंबी आयु का रहस्य

बाबा शिवानंद की लंबी आयु का रहस्य उनका संयमित जीवन, सात्विक आहार, नियमित योग और सकारात्मक सोच था। उन्होंने कभी किसी प्रकार की विलासिता को अपने जीवन में स्थान नहीं दिया और हमेशा सादगी को अपनाया। राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रभाव अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और बाबा शिवानंद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को बाबा शिवानंद ने पूरी तरह समर्थन दिया। वे हर वर्ष अपने आश्रम में विशेष योग शिविर आयोजित करते थे और लोगों को योग अपनाने के लिए प्रेरित करते थे। विदेशों में भी लोकप्रियता बाबा शिवानंद के शिष्य न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका, यूरोप, एशिया के कई देशों में फैले हैं। उनकी शिक्षाएँ और जीवनशैली आज भी विदेशों में योग प्रेमियों के लिए आदर्श मानी जाती है।

निष्कर्ष

बाबा शिवानंद का जीवन सादगी, सेवा, योग और मानवता का अद्भुत संगम था। उनके निधन से देश ने एक महान योग गुरु, समाजसेवी और प्रेरणादायक व्यक्तित्व को खो दिया है। प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश न केवल एक श्रद्धांजलि है, बल्कि बाबा शिवानंद के जीवन और कार्यों की राष्ट्रीय स्वीकार्यता और महत्व को भी दर्शाता है। बाबा शिवानंद की शिक्षाएँ, उनका संयमित जीवन और समाज के प्रति समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

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