चैत्र नवरात्रि 2025: महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि 2025
प्रतिपदा तिथि आरंभ: 30 मार्च 2025, सुबह 06:15 बजे
- प्रतिपदा तिथि समाप्त: 31 मार्च 2025, सुबह 07:23 बजे
- घटस्थापना मुहूर्त: 30 मार्च, सुबह 06:15 से 07:23 बजे तक
- राम नवमी: 6 अप्रैल 2025
नवरात्रि के नौ दिन और देवियों के स्वरूप
| दिन | तिथि | देवी का रूप | पूजा का महत्व |
|---|---|---|---|
| दिन 1 | 30 मार्च | माँ शैलपुत्री | संकल्प और आराधना का दिन |
| दिन 2 | 31 मार्च | माँ ब्रह्मचारिणी | तप और साधना का दिन |
| दिन 3 | 1 अप्रैल | माँ चंद्रघंटा | शांति और समृद्धि का दिन |
| दिन 4 | 2 अप्रैल | माँ कुष्मांडा | स्वास्थ्य और ऊर्जा का दिन |
| दिन 5 | 3 अप्रैल | माँ स्कंदमाता | मातृत्व और प्रेम का दिन |
| दिन 6 | 4 अप्रैल | माँ कात्यायनी | साहस और विजय का दिन |
| दिन 7 | 5 अप्रैल | माँ कालरात्रि | शत्रु नाश का दिन |
| दिन 8 | 6 अप्रैल | माँ महागौरी | पवित्रता और सौंदर्य का दिन |
| दिन 9 | 7 अप्रैल | माँ सिद्धिदात्री | मोक्ष और सिद्धि का दिन |
चैत्र नवरात्रि पूजा विधि
- घटस्थापना: प्रथम दिन कलश स्थापना करें और माँ दुर्गा का आवाहन करें।
- दैनिक पूजा: प्रतिदिन देवी के स्वरूप का ध्यान करके फूल, फल, धूप-दीप से पूजा करें।
- कन्या पूजन: अष्टमी या नवमी के दिन नौ कन्याओं को भोजन कराएं और दक्षिणा दें।
- हवन एवं विसर्जन: नवमी के दिन हवन करके कलश का विसर्जन करें।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
- यह नवरात्रि नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।
- इसी दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए राम नवमी भी मनाई जाती है।
- नौ दिनों का व्रत रखकर भक्त माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
निष्कर्ष
चैत्र नवरात्रि का पर्व आध्यात्मिक ऊर्जा, नवचेतना और शक्ति की उपासना का समय है। इस अवसर पर माँ दुर्गा की कृपा पाने के लिए पूर्ण श्रद्धा से पूजा-अर्चना करें और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं दें।
“जय माता दी!”



